मैं अकेला था कोई आया नही।। में बिखर रहा था किसीने सम्हाला नही।। दर्द में बेचैन था लोग थे बहुत आस पास मेरे।। पर सर पर किसीने मेरे हाथ फिराया नही।।। हालात दिख रहे थे सबको मेरे ।। फिर भी मैं मुस्कुरा रहा था।। शायद यही बात उनको खटक सी गयी की मैंने उनके आगे हाथ फैलाया नही।।। यार भी बड़े मतलब के मिले थे मुझको।। अच्छे वक़्त में हाथ थाम चलते थे।। बुरे वक्त में मेरे किसीने अपना चेहरा तक दिखाया नही।। ।।।।।।।।वेद।।।।।।। #अकेला#दर्द#लोग#झूठे#मुस्कान#हौसला#दोस्त#फ़रेबी