शहर की लड़की इक शहर की लड़की सोचे मन में, कि किसी को कुछ बताना ठीक नहीं। बुरा देखो, और आँखे मूंदों सवालात उठाना ठीक नहीं। इस शहर में हमारा आशियाना ठीक नहीं। यहाँ लो-ए-महोबत्त जलाना ठीक नहीं। बहुत बेरहम है यहाँ के लोग, अब क्या कहें! चलो चले कहीं और, कि ज़माना ठीक नहीं ।। इक शहर की लड़की सोचे मन में, कि किसी को कुछ बताना ठीक नहीं। बुरा देखो, और आँखे मूंदों सवालात उठाना ठीक नहीं। इस शहर में हमारा आशियाना ठीक नहीं। यहाँ लो-ए-महोबत्त जलाना ठीक नहीं। बहुत बेरहम है यहाँ के लोग, अब क्या कहें! चलो चले कहीं और, कि ज़माना ठीक नहीं ।।