उलझनों से भरा मन ना जाने कब सुलझेगा ! फूल तो आ गया है नई उमंग लेकर ना जाने कब महकेगा !! गाँव कि मिट्टी,आमों का बगीचा और वो खेत सब याद आते हैं ! शरीर तो बहक गया है गाँव से ये मन ना जाने कब बहकेगा !!!! #gaon #Parikshit singh😌😌😌