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जब सो नहीं पाती रातों को, खोल लेती हूँ अपनी यादों

जब सो नहीं पाती रातों को,
खोल लेती हूँ अपनी यादों की किताब...
वो बचपन ,
वो भोलापन..
पापा का लाड़ ,
कभी माँ की फटकार..
बस्ते का बोझ,
होमवर्क हर रोज..
बहनों संग चलता रूठना मनना..
अपनी पसंद का स्वादिष्ट खाना..
दिनभर खेलकर थक कर सो जाना..
कितनी सुकून की होती थी वो नींद...
अब सो नहीं पाती रातों में...
तब याद कर लेती हूँ बचपन की वो नींद.... How do you put yourself to sleep?
Use #TryingToSleep
  #YourQuoteAndMine
Collaborating with  YourQuote Baba
जब सो नहीं पाती रातों को,
खोल लेती हूँ अपनी यादों की किताब...
वो बचपन ,
वो भोलापन..
पापा का लाड़ ,
कभी माँ की फटकार..
बस्ते का बोझ,
होमवर्क हर रोज..
बहनों संग चलता रूठना मनना..
अपनी पसंद का स्वादिष्ट खाना..
दिनभर खेलकर थक कर सो जाना..
कितनी सुकून की होती थी वो नींद...
अब सो नहीं पाती रातों में...
तब याद कर लेती हूँ बचपन की वो नींद.... How do you put yourself to sleep?
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vibhakatare3699

Vibha Katare

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