रूठी रातों को फिर से मानने लगा हूँ। छूटी बातों को फिर से बनाने लगा हूँ। जागे अरमान दिल में तुम्हें देख कर ! ख़्वाब पलकों तले मैं सजाने लगा हूँ। तुमसे महफ़िल में रौनक़ मेरी आ गई इश्क़ के गीत फिर से मैं गाने लगा हूँ। दो क़दम तुम अग़र जो चलो साथ में- तो क़दमों में मंज़िल को पाने लगा हूँ। Hello Resties! ❤️ Collab on this #rzpictureprompt and add your thoughts to it! 😊 Highlight and share this beautiful post so no one misses it!😍 Don't forget to check out our pinned post🥳