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बिना खड़ग , ढाल से अहिंसा के पथ पर चल कर , देश को ग

बिना खड़ग , ढाल से अहिंसा के पथ पर चल कर ,
देश को गुलामी की बेड़ियों से आज़ाद हिंद कराया ।

अन्याय का सर्वथा विरोध कर अन्यायी के प्रति वैरभाव न रखें ,
इसी मुलतंत्र से अंग्रेजों की गुलामी से  आज़ाद सत्याग्रह कराया ।

समाज और राजनीति सभी समस्याओं से झुंझने की कोशिश कर ,
अहिंसा को समग्र जीवन दर्शन के रूप में स्वीकार कराया।

गांवों के लोगो को रोजगार की तलाश में शहर जाना न पड़े ,
गांव में ही कुटीर उद्योग विकास , ग्रामीण रोजगार लागू कराया।

सत्य -अहिंसा के पुजारी बन कर बिना शस्त्र उठाएं ,
देश को आज़ाद कर व्यक्ति और समाज सर्वोदय कराया ।

बुरा न देखो , न सुनो , न बोलो बस वाणी में मिश्री घोलो ,
तीन बंदर प्रतीक के रूप में संदेश दे कर जनजागृत कराया।

©आराधना आप सभी को महात्मा गांधी जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं 🍀 
(एक छोटासा प्रयास  ,  कुछ त्रुटि हो तो ये भी बताइए )
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बिना खड़ग , ढाल से अहिंसा के पथ पर चल कर ,
देश को गुलामी की बेड़ियों से आज़ाद हिंद कराया ।

अन्याय का सर्वथा विरोध कर अन्यायी के प्रति वैरभाव न रखें ,
इसी मुलतंत्र से अंग्रेजों की गुलामी से  आज़ाद सत्याग्रह कराया ।

समाज और राजनीति सभी समस्याओं से झुंझने की कोशिश कर ,
अहिंसा को समग्र जीवन दर्शन के रूप में स्वीकार कराया।

गांवों के लोगो को रोजगार की तलाश में शहर जाना न पड़े ,
गांव में ही कुटीर उद्योग विकास , ग्रामीण रोजगार लागू कराया।

सत्य -अहिंसा के पुजारी बन कर बिना शस्त्र उठाएं ,
देश को आज़ाद कर व्यक्ति और समाज सर्वोदय कराया ।

बुरा न देखो , न सुनो , न बोलो बस वाणी में मिश्री घोलो ,
तीन बंदर प्रतीक के रूप में संदेश दे कर जनजागृत कराया।

©आराधना आप सभी को महात्मा गांधी जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं 🍀 
(एक छोटासा प्रयास  ,  कुछ त्रुटि हो तो ये भी बताइए )
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