कौन हो तुम कहा से आई हो.. चुपके चुपके इस दिल मे आ रही हो.. न तेरा नाम जनता हूँ, और न ही ठिकाना.. खो गया हूँ बस, मैं होकर पागल दीवाना.. न तो कोई वजूद है मेरे प्यार की.. और न ही कोई आशियाना.. फिर भी न जाने क्यूँ मेरी सबकुछ बनती जा रही हो.. कौन हो तुम, कहाँ से आई हो.. कौन हो तुम? Pratibha Tiwari(smile)🙂 shibani🌹