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ऐ ज़िन्दगी तू ले चल कहीँ ज़न्नत-जहनुम तो हरगिज़ नही

ऐ ज़िन्दगी तू ले चल कहीँ
ज़न्नत-जहनुम तो हरगिज़ नही

तू ले चल मुझें जहाँ पे सकूँ हो
बिन मतलब के जहाँ गुफ़्तगू हो

जहाँ खुशिया डाले डेरा
जहाँ पे न हो तेरा - मेरा

मुझकों तू उस जहां में ले चल
जहाँ नफ़रत का न हो कोई हलचल

रिश्ते जहाँ स्वार्थ से परे हो
दुःख में सब एक साथ खड़े हो

जहाँ न हो मज़हबी की कियारी
 राम से हो रहीम की यारी

जहाँ जात का कोई झंझट न हो
झगड़ते होंठो का खट -पट न हो

तू ले चल मुझे उड़ाकर ले चल
चाहें ख़ाक में मिलाकर कर ले चल

ऐ ज़िन्दगी तू ले चल कहीँ
ज़न्नत-जहनुम तो हरगिज़ नही
__मुकेश- #nojoto#quotes#मk
ऐ ज़िन्दगी तू ले चल कहीँ
ज़न्नत-जहनुम तो हरगिज़ नही

तू ले चल मुझें जहाँ पे सकूँ हो
बिन मतलब के जहाँ गुफ़्तगू हो

जहाँ खुशिया डाले डेरा
जहाँ पे न हो तेरा - मेरा

मुझकों तू उस जहां में ले चल
जहाँ नफ़रत का न हो कोई हलचल

रिश्ते जहाँ स्वार्थ से परे हो
दुःख में सब एक साथ खड़े हो

जहाँ न हो मज़हबी की कियारी
 राम से हो रहीम की यारी

जहाँ जात का कोई झंझट न हो
झगड़ते होंठो का खट -पट न हो

तू ले चल मुझे उड़ाकर ले चल
चाहें ख़ाक में मिलाकर कर ले चल

ऐ ज़िन्दगी तू ले चल कहीँ
ज़न्नत-जहनुम तो हरगिज़ नही
__मुकेश- #nojoto#quotes#मk