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शायरी पेड़ पेड़ की डाल कुछ, यूं हिल रही थी, धीम

शायरी

पेड़
पेड़ की डाल कुछ,
 यूं हिल रही थी, 
धीमी-धीमी हवा जो चल रही थी
मानो खुशी का वो अलग था नजारा,
यूं पेड़ की हर कली  खिल रही थी,
फूलों की खुशबू ने भी था,
पेड़ को संवारा
पतझड़ का मौसम था,
बदला था हर नजारा ।  


Meenakshi Sharma पतझड़ का मौसम, पेड़ की डाल
शायरी

पेड़
पेड़ की डाल कुछ,
 यूं हिल रही थी, 
धीमी-धीमी हवा जो चल रही थी
मानो खुशी का वो अलग था नजारा,
यूं पेड़ की हर कली  खिल रही थी,
फूलों की खुशबू ने भी था,
पेड़ को संवारा
पतझड़ का मौसम था,
बदला था हर नजारा ।  


Meenakshi Sharma पतझड़ का मौसम, पेड़ की डाल