माँ की महिमा का गुणगान रचता है कोई माने कोई नही इसकी दृष्टि से कहा कोई बचता है..... जय आंबे गोरी.... . जय श्यामा गौरी..... " मन से मानस को जनावर में फर्क नहीं होता कर्म उसका गुणगान भरता हे " ©G0V!ND_DHAkAD #5th and #6th day #happyNavratri