जुलाई के महीने का वो आखिरी दिन था बरस गुजरे कई..... मेरे दिल में मोहब्ब़त उठी थी, खुला आसमान, सर्द मौसम था, बारिश बरस के गुजरी थी, दिल जोरो से धड़क रहा था, ये बात मैंने उससे बताई थी, कुछ दलीले पेश हुई थी...फिर राज़ी नामा आया था..! इश़्क क्या है ये उसे पा के ही तो जाना था, तब में और अब में कितना फ़र्क है! अल्लाह ने मेरे दिल में ऐसे शख़्स के लिए मोहब्ब़त डाली थी जो कभी मेरा था ही नहीं...खै़र ©@Gufran_Ahmad #ishq #propose #pahli_mulakat #baarish