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उस पिंजरे से निकलता तू भी मेरे साथ, दो कदम साथ चल

उस पिंजरे से निकलता तू भी मेरे साथ,
दो कदम साथ चल उड़ान साथ हम लेते।
एक आशियां खूबसूरत अपना होता वहां,
दूर कहीं जहां ना होती बंदिशें इस जहान की।
पर तू ना आया उस रोज़ साथ मेरे मेरी उड़ान में,
बस सिमट कर रह गया उस चार दिवारी में।
अधूरा सा मेरे बगैर, अधूरी ही मेरी उड़ान थी,
तू बंदिशों में बंद था और मैं यादों की जेल में। एक #कहानी #अधूरी सी।
#प्यार #बंदिशें #love #restrictions 
#yqdidi #tarunvijभारतीय
उस पिंजरे से निकलता तू भी मेरे साथ,
दो कदम साथ चल उड़ान साथ हम लेते।
एक आशियां खूबसूरत अपना होता वहां,
दूर कहीं जहां ना होती बंदिशें इस जहान की।
पर तू ना आया उस रोज़ साथ मेरे मेरी उड़ान में,
बस सिमट कर रह गया उस चार दिवारी में।
अधूरा सा मेरे बगैर, अधूरी ही मेरी उड़ान थी,
तू बंदिशों में बंद था और मैं यादों की जेल में। एक #कहानी #अधूरी सी।
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