Unsplash इसे यदि आनंद कहूं, इसका एक क्षण भी बर्बाद न करूं । इसे यदि मित्र कहूं, इसका साथ कभी न छोड़ूं। इसे यदि शौक कहूं , पूरा जीवन इसमें लगा दूं। ©Divya Hariwanshi #Book poetry hindi poetry