अब थोड़ा फिसल जाने दो आंखों तले सपने को आने दो आसमा से बूंदों को गिर जाने दो मोहब्बत की चाहत में हमें भी डूब जाने दो तनहाइयों को जरा हमें भी तो आजमाने दो आज थोड़ा हमें भी फिसल जाने दो आंखों तले आंसुओं को लाने दो # फिसल जाने दो