मत रोको जज्बातों को, उन्हें खुल के उड़ने तो दो। ये भावनाएं हैं दिल की, दिलों से उन्हें जुड़ने तो दो। कभी रुक पाया है जज्बात, बयां होने से, कभी मुस्कान तो कभी आंसू, किसी रूप में इन्हें झड़ने तो दो। जज्बात हैं तो जान है आप में, मुर्दों को देखा है कभी जज्बाती होते हुए। मत रोको जज्बातों को, इन्हें खुल के उड़ने तो दो। ©Nritya Gopal Express your feelings. #Poetry#shayari#thoughts#inspirations#motivatiins