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पीव मिलन की आश में, बनड़ी है बेहाल। निसदिन ह

पीव  मिलन  की  आश  में, बनड़ी  है  बेहाल।
निसदिन ही अब धो रिया,आँसू बहकर गाल।।

©अशोक विशिष्ट #दोहा
पीव  मिलन  की  आश  में, बनड़ी  है  बेहाल।
निसदिन ही अब धो रिया,आँसू बहकर गाल।।

©अशोक विशिष्ट #दोहा