कितना हंसी हैं मेरा हमदम जरा देखो मुश्कुराये तो चाँद भी हैं शरमाता देखो मौला तूने बख़्सि हैं कितनी इनायतें मुझको चाँद भी दिया तो बिना दाग वाला देखो बारिशों की गिरती हुई बूंदों सी हैं वो जैसे सहारा में है बहता हुआ दरिया देखो mera hamdam ...