ये पंक्तियाँ मैंने उस वक्त रची थी जब एक तरफ मुजफ्फरपुर में मासूमों की लगातार मौत हो रही थी वहीं दूसरी तरफ मैनचेस्टर में क्रिकेट चल रहा था...... मासूमों के गुनाहगारों को ढूँढते हुए पेश है मेरी ये पंक्तियाँ... धन्यवाद