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तारे फिर वही शाम और तेरा वो मुस्कुराना

तारे   फिर वही शाम और 
तेरा वो मुस्कुराना
तेरे आगोश में 
मेरा सिमट जाना
जाने क्यूं यूं खामोश
रात का लौट आना
हां 
फिर याद आया
वो लम्हा पुराना।
Arti acharya 
मैं शून्य हूं और मौन भी

©Arti Acharya
  #Tere
artiacharya7254

Arti Acharya

Bronze Star
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#Tere #Poetry

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