सोचो जैसा वैसा होता कहां जहां खोजो सुकून नहीं मिलता वहां उम्मीदें टूटती हैं कांच की तरह तपती राहें सब आंच की तरह नहीं होता कहीं सपनों वाला जहां मौसम यहां सर्द बेदर्द बेपरपाह..... #nojotohindi#उम्मीद#बेदर्द#कविता#poetry