Nojoto: Largest Storytelling Platform

लम्बे अरसे के बाद भी, जो न मिले जीवन में खुशियाँ च

लम्बे अरसे के बाद भी,
जो न मिले जीवन में खुशियाँ चार..!

लगता है जीवन कुछ भी नहीं,
है बस व्यर्थ आशाओं का भण्डार..!

कि बदले तौर तरीके अपने,
बदला जीने का भी सार..!

अपनी सारी खुशियों को,
दूजों पर सदा किया निसार..!

बदले में न मिला हमको,
सुख का तनिक भी तिनका..!

क्या पाया अपना सब कुछ खो कर,
बदलता है फिर यूँ विचार..!

क्या मतलब अच्छा बनने का,
क्या पाया फैला कर शिष्टाचार..!

ऋजु बनना भारी पड़ गया ख़ुद पर,
समझा सभी ने हमें विकार..!

©SHIVA KANT(Shayar)
  #udaan #LambeArse