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शे'र- बयाँ-ए-तर्ज़-ए-सुख़न आईना है मेरे जज़्बातों का

शे'र-
बयाँ-ए-तर्ज़-ए-सुख़न आईना है मेरे जज़्बातों का
तू पढ़ इनको हर्फ़ हर्फ़  हर अल्फ़ाज़ है इशारों का 【बयाँ-ए-तर्ज़-ए-सुख़न- expression of style of poem】

भेजने का समय आज शाम 6 बजे तक।
परिणाम की घोषणा आज रात 8 बजे तक।

सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 आपके अल्फ़ाज़ 

शब्दों की मर्यादा का ध्यान अवश्य रखे ।
शे'र-
बयाँ-ए-तर्ज़-ए-सुख़न आईना है मेरे जज़्बातों का
तू पढ़ इनको हर्फ़ हर्फ़  हर अल्फ़ाज़ है इशारों का 【बयाँ-ए-तर्ज़-ए-सुख़न- expression of style of poem】

भेजने का समय आज शाम 6 बजे तक।
परिणाम की घोषणा आज रात 8 बजे तक।

सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 आपके अल्फ़ाज़ 

शब्दों की मर्यादा का ध्यान अवश्य रखे ।