मुझमें रहतीं हैं कहीं, इश्क की तीनों झलक, थोड़ा तीखा, थोड़ा मीठा, और थोड़ा सा नमक। देख कर चखना मुझे, मज़बूरी बन ना जाऊं कहीं, आदत हूं, छोड़ आता हूं, आंखों में नमीं, धड़कनों में सिसक।। अंदाजेबयां हो गया मेरा, अब कशमकश से भरा, कभी दिखता है खोटा ये, कभी नज़र आता है खरा। सोच से लब्ज़ ज़ुबां तक मेरे, ले लेते हैं करवटें कई बार, क्या कहें, प्यार के दर से लाया हूं ,बहरूपिया होने का मशवरा।। मुझमें रहती है कहीं, बदल जाने की सनक, कभी इसका, कभी उसका, कभी सबका होने की कसक। देख कर करीब लाना मुझे, मज़बूरी बन ना जाऊं कहीं, आदत हूं, छोड़ आता हूं, आंखों में नमीं, धड़कनों में सिसक।। ©Rahul Kaushik #shaayavita #ishq #me #lier #desire #fakeme #realme #alonesoul