खामोशियां दफन पड़ी है सीने में, जरा सुनो कोई आवाज तो दो। रोज गुजरते हो इसी रस्ते से तुम, जाने अनजाने सही हाल तो पूछ लो। मिले अगर कहीं वो तो मेरा संदेश देना, मुंतजिर है आज भी उनको बता देना। ख़्वाबों में सही मिलने का वादा तो करते, आज आंखो में कोई ख़्वाब ही नहीं फिरते।। - jivan kohli #khamoshiya