.. ..— % & ना गुरु, ना मां-बाप, ना साहित्य और ना ही समाज #काम के महत्व को समझाता है। आज #कामदेव के पर्व पर सही शिक्षा सही उम्र में नौजवानों को दें ताकि वो इस अपार सुख से वंचित ना रहें! कितनी ही पीढ़ियां बिना उचित मार्गदर्शन के अधूरी ही रही हैं, कुछ अंधकार से, कुछ अहंकार से। राम भी जरूरी है काम भी जरूरी है!