मूसलस्ल आती हिंचकियों ने उसे, मेरी याद में तड़पाया तो होगा!! भिंच कर तकिये को सिने से , उसने याद को मेरी, सहलाया तो होगा!! चश्म-ए-तर छूपा कर जो, पेश आता है बेरूखी से, तन्हाई में बर्ताव पर अपने, पछताया तो होगा!! तड़प के रह गया होगा वो भी, जब किसी और को गले लगाया होगा... ये दिल नहीं मानता कैसे, तुझे बेवफा का नाम दूं?? तुम अल्फाज हो मेरे तुम्हें कैसे कोई इल्ज़ाम दूं?? मूसलस्ल #हिचकियाँ #सरकार #बेरुखी_ख़ामोशी_और_मैं #अल्फ़ाज़ऐमोहब्बत #yqbaba #yqdidi #yqdada #