उसके दिल की बंजर जमीं पर....... अपनी मोहब्बत का बीज, बोना चाहता हूं मैं........ अपनी सारी फ़र्हत उसके नाम करके........ उसके ग़म में, रोना चाहता हूं मैं....... उसको यादों में खोकर........ खुद से नावाकिफ़, होना चाहता हूं मैं........ उसके सभी अफ़्कार अपनाकर.... अपना सुकूं उसे, देना चाहता हूं मैं...... मुसलसल बढ़ती जा रही है मोहब्बत..... इतनी सी बात उससे, कहना चाहता हूं मैं....... -शायर मनीष कुमार सैनी........... उसके दिल की बंजर जमीं पर....... अपनी मोहब्बत का बीज, बोना चाहता हूं मैं........ #Heart#Love#Happiness#Cry#Notions#Relief#Continuous............