नदिया का शांत किनारा हो और पूनम की रात में बस तेरा साथ हो। पूनम की रात चांद के संग लाई, सितारों की झिलमिलाती बारात हो। एक दूसरे के आगोश में खोए रहे हम, बस दिल से दिल की बात हो। मचल रहे हो सारे अरमान, काबू में ना दिल के मेरे कोई जज़्बात हो। बसाकर दिल में बना लो अपना, हमारे दरमियान ना कोई दूरी हो। बीत जाए सारी उम्र यूं ही तेरे पहलू में, इस रात की ना कोई सुबह हो। 🌝प्रतियोगिता-40 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌷"पूनम की रात"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I