कहने को तो तेरी यादो को काफी पीछे छोड़ दिया है। और रातो को जागना भी जरा कम सा कर दिया है। सारी कोशिशो को भी करना छोड़ दिया है। बस ये लिखने की ही आदत रह गई है साथ हमारे। जिस दिन इसे छोड़ दिया, तो फिर समझ लेना कि हमने जीना भी छोड़ दिया है। _ _ _ जिज्ञासा जीना भी लेना छोड़ दिया है।