Nojoto: Largest Storytelling Platform

और मैं जाने किस जहां में खो गई, सुध ही नहीं रही इस

और मैं जाने किस जहां में खो गई, सुध ही नहीं रही इस ज़माने की,
एक पल के लिए भूल गई थी मैं, कि मैं कहां खड़ी हूं,आसपास की सब चीजें। उसके हाथों का वो कोमल स्पर्श,मुझे निहारती उसकी आंखों में,
एक अजीब सी बेचैनी महसूस की थी मैंने, मिलने के सुकून के साथ साथ था, अगले ही पल दूर हो जाने का डर, उन मासूम नज़रों में देखी थी मैंने इंतजार की तड़प, आज भी ये आंखें ढूंढ़ती हैं उन आंखों का पता......याद करती हैं एक गरिमा में रहकर मिलने की घड़ियां,और कभी ना लांघा जा सका वो एक दायरा। जाने वो मोहब्बत का कौन सा रूप था, उस प्रेम की कोमलता ने रुह पर इस तरह पकड़ कर ली है कि उस एहसास को अक्सर दिल टटोलता है, उन लम्हों को जी लेता है अक्सर याद करके। जाने कैसा एहसास था वो, वो कोमल स्पर्श, ना ज़िद, ना जुनून और ना ही कोई जद्दोजहद बस एक ठहर जाने की चाहत .....और देखो ना ठहर गया है वो पल मुझ में.....!!

©Monika Rathee Vimal
  🌚कुछ धुंधली सी यादें जो अक्सर याद दिलाती हैं कि रिश्ता उनसे बहुत गहरा है, जो #अंकित हो गई हैं #मानस_पटल पर और आज भी चकित कर देती हैं मुझे यूं बिते वक्त में ले जाकर........
monikaratheevima9635

Monika Vimal

Silver Star
New Creator
streak icon1

🌚कुछ धुंधली सी यादें जो अक्सर याद दिलाती हैं कि रिश्ता उनसे बहुत गहरा है, जो #अंकित हो गई हैं #मानस_पटल पर और आज भी चकित कर देती हैं मुझे यूं बिते वक्त में ले जाकर........ #Life

2,035 Views