इत्तेफा़क़ काश हो जाता है एक बार हीं सहीं वो हमें अपना समझ लेतें फिर खुद से दूर जानें की हम उन्हें कोई वजह ना देतें समेट लेतें खुद में हम वक्त की चाल को वो हमसें दूर हो हम वो वक्त आने ना देते। ©sayrana zindagi #Ittefaaq