#OpenPoetry कहानी मैं तुझे अपनी अब आगे की सुनाता हूँ। छोड़ के तू गयी मुझको वहीं मैं गुनगुनाता हूँ। तू क्या सोचती रातों को मैं अकेला सोता हूँ ,, मैं अपने साथ बाहों में तेरे गम को सुलाता हूँ।। #अतिशीघ्र #अतिशीघ्र