#Moon
निज सपनों की चिता जलाकर, राख समेटे घूम रहा हूं
युवा हूं मैं भारत का युवा, बस डिग्री अपनी चूम रहा हूं
सरकारों के वादे सुन सुन, दिल में उठती है बस टीस
मन करता मिल जाए गर ये, रख दू इनको दे दस बीस
नहीं किसी भी काम के हैं यह, सोच सोच कर माथा पीट रहा हूं
निज सपनों की चिता जलाकर, राख समेटे घूम रहा हूं
पिता के झुकता कंधे मेरे, रोज एक प्रश्न करते हैं #Life