गर्मी हो या सर्दी , हर मौसम में ऊर्जा जगाती है, चाय भी एक अद्भुत पेय है,जो सभी को भाती है, कलियुग का अमृत है ये, हर घर मे पाई जाती है, कुछ लोगो की तो,आँखे भी चाय देख खुल पाती हैं, मेहमान नवाज़ी में, सर्वप्रथम चाय ही पूछी जाती है, कुछ जलकुकडे कहते हैं ,कि ये तन को जलाती है, मग़र चाय तो चाय हैं , विविध रूपों में पाई जाती है, अरे भाई ये मुई कॉफी ,कहां इसका सामना कर पाती है ।। -पूनम आत्रेय ©poonam atrey #कविता #चाय