मंजिल का ना हो पता तो सफर अधूरा है...! प्रेम को ना समझे प्रिय तो प्रेम अधूरा है...! विचारों का ना हो तालमेल तो संग-साथ अधूरा है...! समझ ना आये भाव तो लेखन अधूरा है...! टूट जाओ क्षणों में तुम तो अपने अस्तित्व का ज्ञान अधूरा है...!🌺 Muनेश...Meरी✍️ मंज़िल पर पहुँच कर भी सफ़र पूरा क्यों नहीं होता! #सफ़रअधूरा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi