फिक्र ये शब्द नहीं एक भावना है जो आप के चाहने वाले को होती हैं हमारी फिक्र करता ही कोन है मां पापा को बच्चो की ओर पति को पत्नी की ओर पत्नी को पति की फिक्र होती हैं पर ऐसा नहीं हैं हमारी फिक्र वो भी करते है जिनसे हमारे रिश्ते मजबूत होते है या जो हमको प्यार करते हैं और हम ये बोल देते हैं तो क्या हो गया इतनी फिक्र मत किया करो आप अगर हम 2 min बात कर लेंगे जो हमारी फिक्र करते हैं तो हमारा कोई loss नही होगा और ना ही हम छोटे हों जायेंगे और हमारे रिश्ते भी बचे रहेंगे छोटी छोटी बातो से बड़े बड़े रिस्तो मे दरार आ जाती हैं और छोटे छोटे रिश्ते छोटी छोटी बातो से बड़े बन जाते हैं ©Prakhar Tiwari फिक्र ये शब्द नहीं एक भावना है जो आप के चाहने वाले को होती हैं हमारी फिक्र करता ही कोन है मां पापा को बच्चो की ओर पति को पत्नी की ओर पत्नी को पति की फिक्र होती हैं पर ऐसा नहीं हैं हमारी फिक्र वो भी करते है जिनसे हमारे रिश्ते मजबूत होते है या जो हमको प्यार करते हैं और हम ये बोल देते हैं तो क्या हो गया इतनी फिक्र मत किया करो आप अगर हम 2 min बात कर लेंगे जो हमारी फिक्र करते हैं तो हमारा कोई loss नही होगा और ना ही हम छोटे हों जायेंगे और हमारे रिश्ते भी बचे रहेंगे हों छोटी छोटी बातो से बड़े बड़े रिस्तो मे दरार आ जाती हैं और छोटे छोटे रिश्ते छोटी छोटी बातो से बड़े बन जाते हैं #Light