प्रेमपूर्ण खुद को बदल के प्यार नहीं कर सकते हम । ये सस्ता सा कारोबार नहीं कर सकते हम । ऐसे ही करना होगा इज़हार तुम्हे उल्फत का , बदलने का कोई हस्ताक्षर नहीं कर सकते हम। इश्क़ को मानता हूँ एक इबादत हरदम , और उस इबादत को सरेआम नहीं कर सकते हम । हो सकता हैं अलग हो खयालात हमारे , मगर मोहब्बत का तमाशा नहीं कर सकते हम । अश्रुरंजीत जीवन का प्यार ही परीणाम हैं , पर प्यार को आँशु का व्याज नहीं कर सकते हम । प्यार सीर्फ प्यार हैं और कुछ नहीं हैं , प्यारहीन जीवन का कुछ नहीं कर सकते हम । RAG #The ghazal of RAG #प्रेमपूर्ण #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqhindi #yqprem #yqghazal