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जो मिलते हैं वो बिछड़ते भी हैं साहिब, हम नादान थे

जो मिलते हैं वो बिछड़ते भी हैं साहिब,

हम नादान थे एक शाम की मुलाकात को 

जिंदगी समझ बैठे,
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मौहम्मद इब्राहीम सुल्तान मिर्जा,, जो मिलते हैं वो बिछड़ते भी हैं साहिब,,

हम नादान थे एक शाम की मुलाकात को 
जिंदगी समझ बैठे,,

मौहम्मद इब्राहीम सुल्तान मिर्जा
जो मिलते हैं वो बिछड़ते भी हैं साहिब,

हम नादान थे एक शाम की मुलाकात को 

जिंदगी समझ बैठे,
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मौहम्मद इब्राहीम सुल्तान मिर्जा,, जो मिलते हैं वो बिछड़ते भी हैं साहिब,,

हम नादान थे एक शाम की मुलाकात को 
जिंदगी समझ बैठे,,

मौहम्मद इब्राहीम सुल्तान मिर्जा