#DearZindagi ज़र्रे ज़र्रे में कुदरत है हर शह से प्यार कर लो तुम। गर करा हो तुमने तो उस गुनाह का इक़रार कर लो तुम , माना महफ़िल में अपनी बात रखनी चाहिए ,पर जाहिलो की महफ़िल हो तो खामोशी इख़्तयकर कर लो तुम। मोहम्मद शुऐब मलिक #malik #shunaz