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फौजी हूँ मन मौजी हूँ खरीदेगा कौन मुझे पैसों में

फौजी हूँ मन मौजी हूँ 
खरीदेगा कौन मुझे 
पैसों में नहीं बिकता हूँ
इतना अच्छा हूँ तो नहीं मैं 
जितना अच्छा दिखता हूँ 
रोकेगा कौन मुझे 
हकीकत ही तो लिखता हूँ 
अपना दर्द मालूम नहीं 
औरों का दर्द मैं लिखता हूँ
फौजी हूँ मन मौजी हूँ 
खरीदेगा कौन मुझे 
पैसों में नहीं बिकता हूँ

©Mukesh Tyagi 
  #IndianArmy 
फौजी हूँ मन मौजी हूँ

#IndianArmy फौजी हूँ मन मौजी हूँ #कविता

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