अहंकार परिणामोनमुख है मन सदा परिणाम के लिए लालायीत रहता है मन का कर्म में कोई रस नहीं होता यदि कृत्य से गुज़रे बिना ही परिणाम पा सके तो वह छोटे मार्ग का ही चुनाव करेगा मन को कर्म की और प्रेरित करें और जीवन में सही मार्ग का चुनाव करें... -वेद प्रकाश ©VED PRAKASH 73 #सूत्र