कि हर बार थामते तो हो हाथ मगर, फिर मझधार में ही छोड़ देते हो। लोग कभी-कभी ऐसे पेश आते हैं कि मन सोच में पड़ जाता है, आख़िर मेरा जुर्म था क्या? #मेराजुर्म #collab #yqdidi #yourquoteandmine Collaborating with YourQuote Didi