रिश्ते की सिलवटें आज भी वैसी ही है तुम बिन ज़िंदगी बस अब गुजर रही है कुछ तक़रार खट्टी मीठी आज भी चस्पा है इन सिलवटों में आज भी तेरा एहसास छुपा है धड़कनों को ख़्वाहिशों की सिलवटें चाहिए मुझे आज भी तेरी आँखों का दीदार चाहिए ♥️ Challenge-622 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।