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सोंधी-सोंधी भीनी-भीनी खुशबू से जग ऐसे महका पड़ी फ

सोंधी-सोंधी भीनी-भीनी खुशबू से 
जग ऐसे महका पड़ी फुहार जो सुखी 
धरा पे इठलाता अंकुर बीज से फूटा... 
-वेद प्रकाश

©VED PRAKASH 73
  #कविता_4