सिद्दत तुम्हे पाने की सिद्दत देखो मेरी आंखों में सब कुछ तो गवां बैठे एक तेरे ही खयालातों में । अब और क्या चाहते हो मुझसे नही चाहिए जन्नत मुझे अगर तुम हो जहन्नुम में । वफादार हूं मैं कुछ तो कर्ज अदा करो यूं वक्त न जाया करो एहसान फरामोशी में , तुम्हे पाने की सिद्दत देखो तो मेरी आंखों में । अब तमाशा मत बनाओ मेरे अरमानों का की डूब जाऊं मर जाऊं तेरी रुसवाइयों में । खयालातों को बदल दो हकीकत में , तुम्हे पाने की सिद्दत देखो तो मेरी आंखों में । ©NISHA DHURVEY #lalishq #siddat #सिद्दत