पानी ही डुबाए पानी ही तैराए; अजीब है न... मॉनसून कोई ऋतु नहीं है; अजीब है न... (देर तक चलो या देर तक रुको) थक जाओगे; अजीब है न... तुम इन टेढ़ी-मेड़ी लकीरों को भी पढ़ लेते हो; अजीब है न... #thoughts #writeups #vairagya #life #death #goals