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प्रात प्रकाशित सूरज जैसे, दीप्ति उषा की मृदु लाल

प्रात प्रकाशित सूरज जैसे,
दीप्ति   उषा की मृदु लाली  ।
वीणा के मधु राग सजीले,
तुमसे सुरभित जीवन डाली।

मन   मंदिर    में   छवि तुम्हारी,
जगगम करती हृदय निलय को।
ये लघु सरि मधुर मिलन को आतुर,
मन की चाहत इस जलधि विलय में।

©Sneh Lata Pandey 'sneh' #HappyRoseDay #गुलाब