गांव की गलियों में वह शोर अब सुनाई नहीं देता बच्चों का वह खेल अब दिखाई नहीं देता उन कच्चे रास्तों पर घास ले आती महिलाओं का गीत अब सुनाई नहीं देता पलायन कर गए सब शहरों को गांव में कोई संबंधी नहीं दिखाई देता उन धारों स्रोतों का पानी नजर नहीं आता कोई भूला भटका अब गांव की ओर नहीं जाता शहरी हो गए हैं सब शहरों की रीत जाने हैं कौन अब बूढ़ी दादी और अपने नातों को पहचाने हैं बिखर गया परिवार, बिखर गई पुरानी परंपराएं कौन उन खेत खलियानों को देखने आए मन्नाण, पुजाई ये शहर वाले कहां जाने हैं उनको तो बस नए चोंचले दिखाने हैं लौट आओ अपनी जड़ों की ओर कि तरसते हैं यह पहाड़ तुम्हें देखने के लिए अब गांव में वो रौनक नहीं रही😓 PC-BY ME😎 #pahad #गढ़वालीगर्ल #पहाड़ी_संस्कृति #पलायनचिंतन #yqdidi #besthindiquotes