क्या शोक यह भी है जनाब के जो दिन में फ़ोटोग्राफी करते हैं और शाम को मन मंथन वाकई जवाब नहीं है दिल और दिमा़क का द्वंद्व हमेशा बरक़रार शाख ए पत्तों सा फ़िर जिंदगी का जीना...... दस्तूर ए फितरत वक्त का निकलना संघर्षों के पुल से दुःख की नदियां पार करना और सुख़ के झरनों का वक्त बे वक्त आना जीवन की कुछ खट्ठी, कुछ मीठी, कुछ कड़वाहट भरी यादें इन सब में अनुभवों का संग्रहण नई ऊर्जा का प्रवाह....... ©-Tatya'luciferin' #युवा #युवा_पीढी #जागता