वो हमारे लिए एहतियात बरतते हुए virus के बीच रह लेता है कड़ी धूप हो या भूख वो काम से नहीं भागता बस पानी पी लेता है अगर मिले मौका घर जाने का तो वो घर जाकर भी खाना घर के बाहर ही मंगा आराम से खा लेता है पर बेटी को दरवाज़े से सटे देख छूने की चाहत को मार पानी की जगह आँसुओं से पेट भर लेता है। वो हमारे लिए एहतियात बरतते हुए virus के बीच रह लेता है कड़ी धूप हो या भूख वो काम से नहीं भागता बस पानी पी लेता है अगर मिले मौका घर जाने का तो वो घर जाकर भी खाना घर के बाहर ही मंगा आराम से खा लेता है पर बेटी को दरवाज़े से सटे देख छूने की चाहत को मार पानी की जगह आँसुओं से पेट भर लेता है।